1 मई को भारत के सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टॉक साल दर साल 10.3 फीसद कम होकर 2008 के बाद से सबसे निचले स्तर पर आ गया.
गेहूं का भाव एमएसपी के ऊपर होने से मिलर्स और कारोबारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
अबतक सरकारी एजेंसियों ने किसानों से करीब 236 लाख टन गेहूं की खरीद की है.
पंजाब में 30 अप्रैल तक सबसे ज्यादा 95.97 लाख टन गेहूं की खरीद की गई है.
थोक बाजार में गेहूं का भाव 2,900 रुपए प्रति क्विंटल के पार पहुंच गया है जो जनवरी के बाद सबसे ज्यादा भाव है
गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार अपने भंडार से खुले बाजार में लगातार गेहूं की बिक्री कर रही है.
दुनियाभर में जितना गेहूं एक्सपोर्ट होता है, उसमें इस साल रूस की हिस्सेदारी 25 फीसद के करीब पहुंचने की संभावना
Stock Limit की सख्ती से क्या सस्ता होगा गेहूं? सभी स्मार्टफोन में कबतक आ रहा भारतीय नेविगेशन सिस्टम? क्या अब घटेगी सस्ते टू-व्हीलर्स की कीमत? OTT के मुनाफे में हिस्सा क्यों मांग रही टेलीकॉम कंपनियां? कंपनियों को टैक्स छूट देकर सरकार को क्या मिला? कबतक बढ़ता रहेगा Crude Oil का दाम? आज के Money Central में इन सभी सवालों का जवाब मिलेगा.
फसल वर्ष 2023-24 के दौरान दुनियाभर में गेहूं का कुल उत्पादन 78.33 करोड़ टन होने का अनुमान
OMSS के तहत भारतीय खाद्य निगम ने गेहूं और चावल की बिक्री की